बीजिंग की यात्रा के दौरान पुतिन ने को याद किया 75 साल पुराना गीत…

चीन के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को यात्रा के अंतिम दिन चीन के लोगों से भावनात्मक संबंध स्थापित करते हुए कहा कि रूसी और चीनी हमेशा से भाई रहे हैं। रूस-चीन संबंधों की तुलना उन्होंने 1940 के दशक के एक गीत से की।

पुतिन ने कहा कि पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच हार्दिक संबंध आगे भी जारी रहेंगे। चीन और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए पुतिन ने कहा कि यह दो देशों के बीच अंतरसांस्कृतिक संबंधों की शुरुआत है।

साथ ही कहा, उस समय एक गीत बहुत प्रसिद्ध हुआ था। उसकी पंक्ति ‘रसियन एंड चाइनीज आर ब्रदर्स फॉरइवर’ यानी रूसी और चीनी सदैव भाई हैं, आज भी प्रासंगिक है। तास एजेंसी के अनुसार, उन्होंने रूस-चीन साझेदारी और भाईचारा को और बढ़ाने की बात कही। कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि यह भाईचारा कायम रहेगा।

पुतिन ने छात्रों से की मुलाकात

वहीं, हार्बिन में चीन-रूस एक्सपो में पुतिन का फोकस सांस्कृतिक एवं व्यापारिक आदान-प्रदान पर रहा। वह इस दौरान हार्बिन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के छात्रों से भी मिले। उन्होंने छात्रों से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से निकटता से जुड़कर काम करने को कहा। इसके साथ ही पुतिन ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि चीन निर्मित इलेक्टि्रक वाहनों पर अमेरिकी टैरिफ एक अनुचित प्रतिस्पर्धा का उदाहरण है।

वहीं, विश्लेषकों ने पश्चिमी देशों के रूस पर प्रतिबंध के बीच रूस और चीन के बीच ये गलबहियां इसी तरह नहीं रह सकेंगी। यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस पर चीन से नजदीकियों से चुनौती और बढ़ सकती है।

पश्चिमी देशों या रूस में से एक को ही चुन सकता है चीन: अमेरिका

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के चीन दौरे के बीच अमेरिका ने चीन के रूस से संबंधों को लेकर हिदायत दी है। कहा, चीन यूरोप और रूस दोनों का एक साथ समर्थन नहीं कर सकता। उसे दो में से एक को चुनना होगा।

अमेरिका के विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रेसवार्ता में कहा कि आप यूरोप से अच्छे और मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं, लेकिन उसी यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा बने देश से भी साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं। ऐसा नहीं हो सकता। कहा, यह अमेरिका की ही भावना नहीं है, यह जी-7 देशों, नाटो और यूरोपीय संघ के देशों का भी रुख है।

Related Articles

Back to top button