नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में सीबीआई ने रिमांड खत्म होने पर चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया

मध्य प्रदेश: कोर्ट ने चारों आरोपियों के जमानत आवेदन खारिज कर दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 जून की तारीख तय की गई है।

मध्य प्रदेश के नर्सिंग फर्जीवाड़े से जुड़े रिश्वत मामले में सीबीआई ने रिमांड खत्म होने के बाद चार आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने चारों आरोपियों राहुल राज, ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया, जुगल किशोर शर्मा को जेल भेज दिया। इससे पहले नौ आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया था। सीबीआई ने नर्सिंग कॉलेज की जांच में ही घोटाले होने पर अपने ही चार अधिकारियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई की जांच टीम ने ही कॉलेज संचालकों से रिश्वत लेकर उनके कॉलेज को सूटेबल लिस्ट में शामिल किया था। रिश्वत मामला सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने सूटेबल लिस्ट के कॉलेजों की दोबारा जांच के निर्देश दिए हैं।

चार आरोपियों ने जमानत का आवेदन लगाया
इस मामले में आरोपी प्रीति तिलकवार, सचिन जैन, राधारमण शर्मा, वेद शर्मा के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन पेश किया। जिस पर शिकायतकर्ता रवि परमार ने अपने वकील आशीष निगम, लोकेंद्र सिंह के साथ कोर्ट में आपत्ति प्रस्तुत की। कोर्ट ने चारों आरोपियों के जमानत आवेदन खारिज कर दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 14 जून की तारीख तय की गई है।

नर्सिंग काउंसलिंग खत्म करने की चर्चा
नर्सिंग कॉलेज की मान्यता देने में बड़ी गडबडी सामने आने के बाद अब सरकार नर्सिंग काउंसलिंग खत्म करने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार राज्य नर्सिंग एंड मिडवाइफरी आयोग विधेयक पारित कर चुकी है। सरकार काउंसलिंग की जगह आयोग का गठन करने की तैयारी कर रही है। यह आयोग शिक्षा के साथ ही नर्सिंग के लिए तालमेल, उत्कृष्टता और अनुसंधान पर भी फोकस करेगा। इसके माध्यम से कॉलेजों के मापदंड समेत प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

कई अफसरों पर गिर सकती है गाज
प्रदेश सरकार ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाडे पर सख्ती शुरू कर दी है। इसमें पटवारी, राजस्व अधिकारियों के साथ ही अब 19 एसडीएम भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। सरकार इन अधिकारियों को भी नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है। वहीं, इस मामले के शिकायतकर्ता रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में अभी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि इस फर्जीवाड़े में कई बड़े अधिकारी शामिल हैं जिनके नाम सामने आना बाकी हैं।

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