वाराणसी: सपा मुक्त हुई नगर निगम की कार्यकारिणी

वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी से छह सदस्यों को बाहर किया गया है। इनमें लॉटरी से निकली पर्ची में भाजपा के उपसभापति समेत चार और सपा के दो सदस्य बाहर हुए।

कार्यकाल समाप्त होने के बाद लॉटरी के जरिये नगर निगम कार्यकारिणी से छह सदस्यों को बाहर किया गया। इसी के साथ नगर निगम की कार्यकारिणी सपा मुक्त हो गई है। मेयर अशोक कुमार तिवारी और नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की देखरेख में पर्ची निकाली गई।

मेयर ने पर्ची निकाली तो सपा के दो सदस्यों में हारून अंसारी (पार्षद लल्लापुरा वार्ड) और प्रमोद राय (पार्षद धूपचंडी वार्ड) रिटायर हुए। इनके अलावा भाजपा के उपसभापति सुरेश चौरसिया (पार्षद कृतिवाश्वेश्वर वार्ड) के अलावा सिंधु लाल सोनकर (पार्षद सिगरा वार्ड), राजेश यादव (पार्षद नई बस्ती वार्ड), कुसुम (पार्षद सरसौली वार्ड) को सेवानिवृत्त किया गया।

नगर निगम कार्यकारिणी में 12 सदस्य होते हैं। कार्यकारिणी में नौ भाजपा, दो सपा और एक कांग्रेस के सदस्य रहे। लॉटरी निकालने के दौरान कांग्रेस के सदस्य प्रिंस राय खगोलन के अलावा भाजपा के सदस्यों में अक्षयवर सिंह, गरिमा सिंह, श्याम आसरे मौर्य, सुरेश कुमार चौरसिया, मदन मोहन दूबे लकी रहे। इनका नाम पर्ची से नहीं निकलने के कारण ये कार्यकारिणी के सदस्य बने रहेंगे।

कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए छह सदस्यों को चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आगामी 29 जून को टाउनहाल में होने वाली सदन की बैठक में कार्यकारिणी के रिक्त छह सदस्यों का चुनाव होगा। चुनाव में वोट डालने केलिए 112 लोगों को पत्र भेजा जाएगा। इनमें सभी 100 पार्षद, दो सांसद, विधायक और एमएलसी शामिल हैं।

मेयर ने सेवानिवृत्त हुए छह सदस्यों के साथ किए गए कामकाज की सराहना की। जानकारों के अनुसार सदन में भाजपा की स्थिति काफी मजबूत है। इनके पास अपने 63 पार्षदों के अलावा निर्दल आठ पार्षद भी हैं। जो पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें अनीता देवी, गिरिजा देवी, बबलू शाह, माधुरी सिंह, अमित मौर्य, संजय गुजराती, मनीष गुप्ता, प्रवीण राय रहे।

आपसी सहमति बनेगी या फिर नए सदस्यों के लिए होगा चुनाव
जानकारों के अनुसार इस बार कार्यकारिणी के चुनाव में दिलचस्प मुकाबला होने के आसार हैं। सपा के दोनों सदस्य बाहर होने के कारण पार्टी पूरा प्रयास करेगी कि दोनों सीट दोबारा प्राप्त की जाए। उधर, भाजपा दोनों सीट झटकने का प्रयास करेगी। ऐसी स्थिति में आपसी सहमति बनेगी या फिर चुनाव होगा। यह आने वाले दिनों में तस्वीर साफ होगी। पिछली बार के कार्यकारिणी के 12 सदस्यों के चुनाव पर नजर डालें तो 12 नामांकन हुए थे। इनमें भाजपा के 9, सपा के दो और कांग्रेस के एक पार्षद ने नामांकन किया था। आपसी सहमति के आधार पर निर्विरोध 12 सदस्य चुने गए थे। एक सदस्य को कम से कम 18.66 वोट की आवश्यकता होगी। यदि चुनाव के दौरान वोटर अनुपस्थित भी होंगे। तब भी एक सदस्य को कम से कम 15 वोट की आवश्यकता होगी।

नगर निगम सदन में पार्टी वार स्थिति

  • 63 भाजपा (इसके अलावा आठ निर्दलीय पार्षद जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए)
  • 13 सपा (इसके अलावा दो निर्दलीय पार्षद जीतने के बाद सपा में शामिल हुए)
  • 8 कांग्रेस
  • 15 निर्दलीय
  • 01 जन अधिकार पार्टी

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