मध्य प्रदेश: जबलपुर के भक्त ने बाबा महाकाल को चढ़ाया विश्व का सबसे महंगा आम

बाबा महाकाल के भक्त संकल्प ने बताया कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर फार्म हाउस की शुरुआत की थी। करीब 10 एकड़ में फेले इस फार्म हाउस में आज 1500 आम के पेड़ हैं। यह सब बाबा की कृपा से ही हो रहा है।

जबलपुर में रहने वाले बाबा महाकाल के एक भक्त ने विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने विश्व का सबसे महंगा आम बाबा महाकाल को अर्पित किया। इस आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2,70,000 रुपए प्रति किलो है।

दअरसल, जबलपुर के रहने वाले संकल्प सिंह परिहार बाबा महाकाल के अनन्य भक्त हैं। संकल्प ने बताया कि उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर फार्म हाउस की शुरुआत की थी। जिसका नाम महाकाल हाइब्रिड फॉर्म रखा गया था। करीब 10 एकड़ में फेले इस फार्म हाउस में शुरुआत में आमों की कम ही वेरायटी थी। लेकिन, अब यहां लगभग 1500 आम के पेड़ हैं और 16 से 17 किस्म की वैरायटी हैं।

जानकारी के अनुसार संकल्प सिंह का फार्म हाउस जबलपुर में न्यू भेड़ाघाट के पास बना हुआ है। जहां विश्व का सबसे महंगा आम मियाजाकी जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत 2,70,000 रुपए प्रति किलो है। उसके साथ ही ऑस्ट्रेलियन आम की वैरायटी R2 V2 और जापान का प्रसिद्ध टोमेगो आम के पेड़ भी फार्म हाउस में लगे हुए हैं। संकल्प सिंह परिहार बाबा महाकाल के अनन्य भक्त हैं, इसीलिए वह आम की फसल का सबसे पहला फल बाबा महाकाल को अर्पित करते हैं। इस बार लगातार तीसरे साल उज्जैन पहुंचकर उन्होंने बाबा महाकाल को बेशकीमती आम अर्पित किया है।

दर्जन भर कुत्ते करते हैं आमों की रखवाली
महाकाल हाइब्रिड फॉर्म में आमों की कीमती वैरायटी हैं। ऐसे में इन्हें चोरी से बचाने के लिए लगभग एक दर्जन कुत्ते यहां रखवाली करते हैं। दिन में इन कुत्तों को पिंजरे में रखा जाता है, लेकिन रात के समय सभी कुत्ते आमों की रखवाली करने के लिए खुले छोड़ दिए जाते हैं।

लगभग 700 से 800 ग्राम का होता है एक आम
अंतरराष्ट्रीय बाजार मे 2,70,000 रुपए कीमत रखने वाले मियाजाकी आम लगभग 700 से 800 ग्राम का होता है। इसके साथ ही फार्म हाउस में रोज मैंगो, ऑस्ट्रेलिया R2 V2, जापान के प्रसिद्ध टोमेटो आम जैसी कई वैरायटियां है।

इस आम कि यह भी है खासियत
बताया जाता है कि हाइब्रिड के इन आमों की अधिक से अधिक ऊंचाई सिर्फ 10 फिट रहती है। इन आमों को केमिकल की बजाय घास में पकाया जाता है। आम की यह वैरायटी अन्य आमों की बजाय कुछ देरी से आती है। इस कारण यह आम जुलाई के अंतिम महीने और अगस्त की शुरुआत में बाजार में सबसे अधिक मिलते हैं।

Related Articles

Back to top button