भाजपा लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर उद्धव ठाकरे की चुनावी मेहनत की तारीफ करते नजर आ रही है। राजनीतिक मायनों में यह इशारा उद्धव ठाकरे को अपने खेमे में करने की भी हो सकती है। उद्धव ठाकरे को लेकर भाजपा के नेता चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि हालांकि उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान काफी मेहनत की, लेकिन ऐसा लगता है कि सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी (सपा) को उनकी अपनी पार्टी से ज्यादा फायदा हुआ।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री पाटिल ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ठाकरे की तबीयत ठीक नहीं थी, लेकिन उन्होंने फिर भी जमकर प्रचार किया। उन्होंने काफी मेहनत की। मैं उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था।
उद्धव ठाकरे को आत्मचिंतन करने की जरूरत
पाटिल ने आगे कहा कि हालांकि, नतीजे बताते हैं कि एनसीपी (सपा) और कांग्रेस को उनकी अपनी पार्टी से ज्यादा उनके प्रयासों से फायदा हुआ। पाटिल ने आगे कहा, “जब ठाकरे भाजपा के साथ थे, तब उनकी पार्टी ने 18 लोकसभा सीटें जीती थीं। कांग्रेस और एनसीपी (सपा) के साथ मिलकर उन्होंने नौ सीटें जीतीं। उन्हें आत्मचिंतन करने की जरूरत है।”
केवल नौ सीटों पर जीत हासिल कर पाई ठाकरे की शिवसेना
आपको बता दें कि ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 21 पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल नौ पर जीत हासिल की। दूसरी ओर, कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और 13 पर जीत हासिल की। सांगली लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता और बागी उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की और बाद में पार्टी को समर्थन दिया। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा और आठ पर जीत हासिल की।
‘उद्धव की जीत का रंग भगवा नहीं बल्कि हरा’
पाटिल ने ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, “ठाकरे ने अल्पसंख्यकों के वोटों के कारण जीत का तमगा भी हासिल किया। मनसे के एक नेता ने भी इसे स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उद्धव की जीत का रंग भगवा नहीं बल्कि हरा है।”