भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय सुखोई एसयु-30 एमकेआई हैं, इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ एयरक्राफ्ट को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है।
भारतीय वायुसेना का एक सुखोई लड़ाकू विमान मंगलवार को क्रैश हो गया। हादसा महाराष्ट्र के नासिक में हुआ है। नासिक रेंज के विशेष महानिरीक्षक डी आर कराले ने बताया कि सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमान के पायलट और सह-पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए। विमान शिरसगांव गांव के पास एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
अधिकारी ने बताया कि विमान विंग कमांडर बोकिल और उनके दूसरे कमांडर बिस्वास उड़ा रहे थे। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए और उन्हें मामूली चोटें आई हैं। उन्हें एचएएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने आगे बताया कि दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विमान में आग लग गई, जिसे बुझा दिया गया है। विमान के हिस्से 500 मीटर के दायरे में फैले हुए हैं। भारतीय वायुसेना, एचएएल सुरक्षा और एचएएल तकनीकी इकाई की टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया।
जानें, सुखोई एसयु-30 एमकेआई जेट की खासियत
रूसी सुखोई एसयु-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट माना जाता है। भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय सुखोई एसयु-30 एमकेआई हैं, इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ एयरक्राफ्ट को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है।
सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज़ गति के लिये जाना जाता है। यह विमान आकाश में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भर सकता है।