अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ के श्रीरंग बर्गे ने कहा कि एमएसआरटीसी के बेड़े की 15,600 में से 10,000 बसें दयनीय स्थिति में हैं। फाइल पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण गर्मियों में वाहनों की कमी हो गई है।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मचारी संघ के एक नेता ने गुरुवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण 2,200 बसें खरीदने की योजना रुक गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की 15,600 में से 10 हजार बसें दयनीय हालत में में हैं।
अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ के श्रीरंग बर्गे ने कांग्रेस के तिलक भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, एमएसआरटीसी के बेड़े की 15,600 में से 10,000 बसें दयनीय स्थिति में हैं। फाइल पर हस्ताक्षर करने में देरी के कारण गर्मियों में वाहनों की कमी हो गई है। बर्गे ने कहा, बेड़े की कई बसें 8.5 लाख किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर चुकी हैं। ये बसें बार-बार ब्रेकडाउन से ग्रस्त हैं, जिससे यात्रियों और कर्मचारियों को असुविधा होती है। इसके अलावा, ऐसी बसों के कारण एमएसआरटीसी की परिचालन लागत में 1.5 फीसदी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने फंड से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए, इसलिए 2,200 बसों की खरीद रोक दी गई है। फाइल पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किया गया? इसे लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से काफी पहले मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया था। बर्गे ने कहा कि एमएसआरटीसी के अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री को इस देरी के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि ऑर्डर दिए जाने के बाद नई बसों को आने में कम से कम तीन महीने लगते हैं।
एमएसआरटीसी ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी से 5,150 ई-बसें किराए पर लेने के लिए टेंडर जारी किया था। इसके मुताबिक उसे हर महीने 215 बसों की आपूर्ति की जानी थी। लेकिन अब तक केवल 20 मध्यम आकार के वाहन ही आए हैं।