यूपी: एटीएस के पास पुख्ता सबूत, मर्चेंट नेवी कर्मी ने पाक से साझा की देश की सुचनाएं

आतंकवाद निरोधक दस्ता ( एटीएस) लखनऊ ने गोरखपुर पिपराइच के मर्चेंट नेवी कर्मी के खिलाफ एटीएस थाने में केस दर्ज कर लिया है। पाकिस्तान महिला के हनी ट्रैप में फंसकर मर्चेंट नेवी कर्मी ने देश की गोपनीय सूचनाएं दूसरे देशों को साझा की थी।

चूंकि, इसके संपर्क में पाकिस्तान की महिला थी और इसके द्वारा बताए गए पाकिस्तान और आतंकी संगठन आईएसआई केंद्रों पर भुगतान किए गए और लिए गए। ऐसे में एटीएस की तरफ से आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट) के तहत लखनऊ एटीएस दफ्तर में केस दर्ज किया गया है।

एटीएस के विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि एटीएस ने केस दर्ज कर रविवार का रिमांड भी ले लेगी। इस रिमांड में मर्चेंट नेवी संग पूछताछ में गोवा जाने के बाद वहां हनी ट्रैप के तहत पाकिस्तानी महिला के संपर्क में आने की कहानी पूछी जाएगी।

एटीएस सूत्रों ने बताया कि चूंकि, महिला अचानक से गायब होने के बाद मर्चेंट नेवी कर्मी भी गोवा से गोरखपुर से आ गया। एटीएस इसी आधार पर गोरखपुर आकर मर्चेंट नेवी कर्मी ो को हिरासत में ले लिया और पूरे रैकेट को लेकर पूछताछ करने लगी।

वहीं, महिला के कहने पर जहां- जहां मर्चेंट नेवी से थोड़े-थोड़े रुपये भेजे थे, वो सभी पाकिस्तानी और आईएसआई के हैंडलेर थे। चूंकि, मर्चेंट नेवी कर्मी के पाकिस्तानी हनी ट्रैप करने वाली महिला देश प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों, और देश की धरोहर स्थलों पर गई थी।

ऐसे में एटीएस को संभावना है कि पाकिस्तानी महिला के संपर्क में आकर मर्चेंट नेवी ने देश के इन महत्वपूर्ण सकनाओं की जानकारी तो नहीं साझा कर दी। एटीएस सूत्रों ने बताया कि रिमांड में एटीएस इन बिंदुओं को लेकर भी पूछताछ करेगी।

अब, रविवार को ऐसे में इस पूरे कनेक्शन और महिला के उससे मिलने की कहानी भी एटीएस आरोपी से ही रिमांड के दौरान समेझेगी। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि चुनाव के बीच कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी इसके द्वारा पाकिस्तान और आईएसआई के पास बढ़ाई गई हैं, कुछ रिकार्ड भी मिले हैं.इसकी पूरी जानकारी भी एटीएस रिमांड में बयान के दौरान लेगी।

महिला की तलाश अब आईपी एड्रेस से
हनी ट्रैप में फंसाई महिला की तलाश अब एटीएस सोशल मिडिया के आईपी एड्रेस से करेगी। क्योंकि, महिला अचानक से कुछ महीने पहले गायब हो गई। ऐसे में वो कब भारत आई थी? भारत के कितने लोगों के संपर्क में थी? सोशल मिडिया पर किस किस जगह से आईपी एड्रेस से गुगल पर लॉगिन करती थी?इन सब तथ्यों की जानकारी रिमांड के आधार के मर्चेंट नेवी से ही एटीएस लेगी।

क्या होता है ऑफिसियल सिक्रेट एक्ट
वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण नंद तिवारी ने बताया कि ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत को सरकार से जुड़े किसी भी ऑफिस की डिटेल, उसका नक्शा, स्केच या पासवर्ड किसी विदेश एजेंट से साझा करना अपराध की श्रेणी में आता है. किसी भी व्यक्ति कोई सरकारी या महत्वपूर्ण बिल्डिंग का नक्शा या स्केच बनाना, जरूरी फाइल में दर्ज जानकारी को नोट करना इस एक्ट की तहत अपराध की श्रेणी में आता है।

यदि कोई व्यक्ति ऊपर दिए आरोपों के लिए दोषी करार दिया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा होगी। लेकिन, यदि अपराध का संबंध रक्षा कार्यों, सेना शस्त्रागार, नौसेना, सैन्य या वायुसेना प्रतिष्ठान या स्टेशन, सुरंगों, कारखाना, डॉकयार्ड, शिविर, जहाज, गुप्त आधिकारिक कोड से संबंधित हो, तो उसे 14 साल की सजा दिए जाने का कानूनी प्रावधान है.

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