मध्य प्रदेश से वर्ष 2015 में चार गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आईएएस के पद पर पदोन्नत हुए थे। इसके बाद से अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ही आईएएस के पदोन्नति के पद पर मौका दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को इस बार भी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पद पर पदोन्नत होने का मौका नहीं मिल पाएगा। इस बार भी आईएएस संवर्ग में नियुक्ति के सात पद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को दिए जा रहे हैं। इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश से वर्ष 2015 में चार गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आईएएस के पद पर पदोन्नत हुए थे। इसके बाद से अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ही आईएएस के पदोन्नति के पद पर मौका दिया जा रहा है। इसमें राज्य प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2006 और वर्ष 2007 के अधिकारियों 21 अधिकारियों के नाम और उनके सेवा दस्तावेजों को भेजा जाएगा। वहीं, राज्य पुलिस सेवा के 4 अधिकारियों को आईपीएस के पद पर पदोन्नति दी जाएगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय भी प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
आठ साल से पदोन्नति का इंतजार
मध्य प्रदेश के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आठ साल से आईएएस के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कैडर से 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का नियम है। इनमें से 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का भी नियम बनाया गया है। लेकिन 2015 के बाद से गैर राज्य प्रशासनिक सेवा का कोई अधिकारी आईएएस के पदों पर पदोन्नत नहीं हो सका है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से संबंधित विभागों से योग्य अधिकारियों के आवेदन ही नहीं मंगाए नहीं जा रहे हैं।
गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के कम हो जाएंगे पद
वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का नियम है, लेकिन नियम में यह भी है कि यह सरकार तय करेगी कि राज्य प्रशासन सेवा और गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से कितने पद भरने हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पदोन्नति के पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को देने से उनके पद कम हो जाएंगे।