नोटा को मिले सबसे ज्यादा वोट तो दोबारा होंगे इलेक्शन?

SC on NOTA ईवीएम का हर वीवीपैट की पर्ची से मिलान की मांग वाली याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसी के साथ कोर्ट में आज चुनाव से संबंधित एक ओर याचिका दायर हुई है जिसपर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है। कोर्ट ने आयोग से इस संबंध में जवाब देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज वोटिंग के बाद ईवीएम का हर वीवीपैट की पर्ची से मिलान की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इसी के साथ कोर्ट में आज चुनाव से संबंधित एक ओर याचिका दायर हुई है, जिसपर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है।

नोटा को ज्यादा वोट मिलने पर रद्द हो चुनाव
सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में एक ऐसा नियम बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है कि जिसमें यदि नोटा को बहुमत मिलता है, तो विशेष निर्वाचन क्षेत्र में हुए चुनाव को रद्द घोषित किया जाए और निर्वाचन क्षेत्र में नए सिरे से चुनाव कराया जाए।

उम्मीदवारों पर लगे बैन
याचिका में यह भी कहा गया कि इसमें यह भी नियम बनाया जाए की नोटा से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल की अवधि के लिए सभी चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए और नोटा को “काल्पनिक उम्मीदवार” के रूप में माना जाएगा।

सूरत लोकसभा सीट के नतीजे का जिक्र
जनहित याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक शिव खेड़ा ने डाली थी। शिव खेड़ा की ओर से पेश वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि यह इस मामले पर विचार करना जरूरी है।

उन्होंने गुजरात के सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा नेता की निर्विरोध जीत का भी जिक्र किया और कहा कि वहां वो रेस में अकेले थे, इसलिए वो जीत गए। उन्होंने कहा कि वहां कोई उम्मीदवार ही नहीं बचा था, इसलिए नोटा को भी एक उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए।

इसके बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ याचिकाकर्ता शिव खेड़ा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए सहमत हुई।

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