हाईकोर्ट को नैनीताल से दूसरी जगह शिफ्ट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल स्टे अपील में बार एसोसिएशन देहरादून के साथ गढ़वाल मंडल के सभी अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे। इसके लिए बार भवन में आमसभा बुलाई गई। जिसमें अगले निर्णय के लिए एक विधिक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में चार सदस्य शामिल हैं। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के पत्र की निंदा भी की गई। अधिवक्ताओं ने कहा कि कोश्यारी की यह उम्र राजनीति करने की नहीं बल्कि राम भजन करने की है।
हाईकोर्ट या हाईकोर्ट की बेंच को ऋषिकेश में शिफ्ट करने की मांग को लेकर देहरादून में अधिवक्ता बुधवार को हड़ताल पर रहे थे। इस दौरान बार भवन में बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू की अध्यक्षता में हुई आमसभा का संचालन सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने किया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखा। पूर्व कैबिनेट मंत्री और बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने कहा कि 44 सालों से यह मुद्दा चला आ रहा है। हाईकोर्ट की बैंच के लिए लंबा आंदोलन किया गया। अब हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के आदेश से इस आंदोलन को नया बल मिला है। इसे हमें चूकना नहीं चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमचंद शर्मा ने कहा कि राज्य स्थापना के मौके पर जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट हाईकोर्ट देहरादून लाने के पक्ष में थी। उस समय नेताओं ने हाईकोर्ट यहां नहीं आने दिया।
राजनेताओं को राजनीति करनी है। उन्हें आम लोगों से कोई मतलब नहीं होता है। हरिद्वार, देहरादून और गढ़वाल के लोग क्यों नैनीताल जाएं। कुमाऊं के अधिवक्ताओं की ओर से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्टे की अपील की गई है। उस पर एक तरफा निर्णय नहीं आना चाहिए। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट में गढ़वाल के वकीलों का पक्ष रखा जाना जरूरी है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार पर भी दबाव बनाया जाए कि वह हाईकोर्ट शिफ्टिंग के लिए समर्थन में आए। बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव शर्मा बंटू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में स्टे एसएलपी पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। इसमें गढ़वाल के अधिवक्ता भी अपना पक्ष रखेंगे। इसके लिए चार अधिवक्ताओं टीएस बिंद्रा, एमएम लांबा, अनुराग गुप्ता और अनुपमा गौतम को शामिल करते हुए एक कमेटी का गठन किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री निशंक की सराहना की
अधिवक्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की सराहना की। अधिवक्ताओं ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का फोन आया था। उन्होंने अधिवक्ताओं की मांग का समर्थन किया। निशंक ने जल्द बार एसोसिएशन में आकर समर्थन पत्र देने का भरोसा दिया। उनसे बार अध्यक्ष ने अनिल बलूनी को साथ लेकर पीएम और गृह मंत्री तक अपना पक्ष रखवाए जाने को कहा। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता योगेंद्र तोमर, चंद्रशेखर तिवारी, अनिल पंडित, रंजन सोलंकी, अरुण सक्सेना, मनमोहन कंडवाल, विवेकानंद खंडूरी शामिल रहे।
समर्थन जुटाने को भी बनाई गई कमेटी
हाईकोर्ट शिफ्टिंग पर जनमत जुटाने का फैसला हाईकोर्ट ने लिया है। हाईकोर्ट की वेबसाइट पर इसका लिंक दिया गया है। जनमत जुटाने के लिए सभी अधिवक्ताओं से अपील की गई। कॉलेजों में जनमत जुटाने को बनाई गई छात्र संपर्क कमेटी में देवेंद्र नेगी, सिद्धार्थ पोखरियाल और सचिन त्रिवेदी को शामिल किया गया है। नगर निकाय प्रतिनिधि संपर्क कमेटी में चंद्रशेखर तिवारी और योगेंद्र तोमर को शामिल किया गया है। विधायकों को बुलाकर समर्थन लेने वाली कमेटी में अधिवक्ता सुरेंद्र पुंडीर, प्रेमचंद शर्मा और अनिल पंडित शामिल हैं। राज्य के सभी मंत्रियों का समर्थन लेने वाली कमेटी में राकेश गुप्ता, रंजन सोलंकी और अरुण सक्सेना शामिल हैं।