शिवराज के ‘लाड़ले’ वरिष्ठ आईएएस राजेश राजौरा की मोहन सरकार में भी धाक

प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। वहीं, मुख्य सचिव वीरा राणा को राज्य चुनाव आयुक्त बनाया जा सकता है। जानिए, कैसे मिल रहे इसके संकेत?

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रशासनिक जमावट की तैयारी तेज कर दी है। मुख्य सचिव कार्यालय में अपनी नई टीम की तैनाती से उन्होंने इसकी शुरूआत की है। इससे अब प्रदेश के मुख्य सचिव को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। इसमें प्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा के आधा दर्जन अधिकारियों के नाम मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल हैं। लेकिन, इसमें 1990 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. राजेश राजौरा का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में राजेश राजौरा के पास गृह जैसे बड़े विभाग की कमान थी। मोहन सरकार में उनको गृह विभाग से हटाकर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भेजा गया है। 11 जून को राजौरा को मुख्यमंत्री सचिवालय में एससीएस बनाया गया है। इससे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साफ संकेत दिए हैं कि वह उनके भरोसेमंद अधिकारी हैं। इससे उनके अगले मुख्य सचिव बनने की अटकलों को बल मिला है।

वीरा राणा को बनाया जा सकता है चुनाव आयुक्त
मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा छह महीने के एक्सटेंशन पर हैं। उनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। चर्चा है कि वीरा राणा को सरकार राज्य चुनाव आयुक्त बना सकती है। दरअसल, राज्य चुनाव आयुक्त बीपी सिंह का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सरकार वीरा राणा को राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की तैयारी कर रही है।

कौन है राजेश राजौरा
1990 बैच के आईएएस अधिकारी राजेश राजौरा वर्तमान में मुख्यमंत्री के एसीएस हैं। इसके साथ ही वह नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी हैं। उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंस्थ की तैयारियों का जिम्मा भी राजौरा को सौंपा गया है। वह इंदौर, उज्जैन, बालाघाट, धार में कलेक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार के कई विभागों के प्रमुख की जिम्मेदारी भी संभाल चुके है। राजौरा साल 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। मुख्यमंत्री का उन्हें अपना एसीएस बनाना बड़े संकेत दे रहा है। ऐसी प्रथा रही है कि भावी मुख्य सचिव को पहले मुख्यमंत्री का ओएसडी नियुक्त किया जाता है। हालांकि, यह कोई अनिवार्य प्रोटोकॉल भी नहीं है।

इन अधिकारियों के नाम की भी चर्चा
प्रदेश सरकार के पांच अधिकारी राजेश राजौरा से सीनियर हैं। इसमें अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान, आशीष उपाध्याय, विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया का नाम है। इसमें दो अधिकारी अनुराग जैन और आशीष उपाध्यय केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। वहीं, मोहम्मद सुलेमान, विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया प्रदेश में ही अलग-अलग विभागों के प्रमुख हैं। यह सभी अधिकारी साल 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

Related Articles

Back to top button