सुप्रीम कोर्ट के इस कदम पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खुशी जताई और कहा कि यह एक क्रांतिकारी कदम है। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया और बताया कि इस नंबर पर कोई कॉल या संदेश नहीं भेजा जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट अब वकीलों के साथ वाद सूची और सूचीबद्ध मामलों से संबंधित जानकारी व्हाट्सएप पर साझा करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह एलान किया है। सीजेआई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संविधान पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पूछा गया है कि क्या किसी की निजी संपत्ति को संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत समाज का भौतिक संसाधन माना जा सकता है या नहीं।
न्यायपालिका में डिजिटलीकरण को बढ़ावा
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ’75वें साल में सुप्रीम कोर्ट ने यह अभियान शुरू किया है, जिसके तहत सभी को न्याय को सुलभ मुहैया कराने के लिए व्हाट्सएप को सुप्रीम कोर्ट की आईटी सेवाओं के साथ समन्वित किया जाएगा।’अब वकीलों को वाद सूची और सूचीबद्ध मामलों की जानकारी व्हाट्सएप पर ही मिलेगी। वाद सूची में किसी तय दिन सुने जाने वाले मामलों की जानकारी दी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट के इस कदम पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खुशी जताई और कहा कि यह एक क्रांतिकारी कदम है। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया और बताया कि इस नंबर पर कोई कॉल या संदेश नहीं भेजा जा सकेगा। सीजेआई ने सुविधा शुरू करते हुए कहा कि यह कामकाज के तरीके में व्यापक बदलाव लेकर आएगा और इससे बड़े पैमाने पर कागजों की भी बचत होगी।
केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट के लिए आवंटित किए सात हजार करोड़ रुपये
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया गया है और कई ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे न्यायपालिका के कामकाज की कागजों पर निर्भरता कम हुई है। केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत 7 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। जिसमें न्यायपालिका का डिजिटलीकरण किया जा रहा है।