लोकसभा चुनाव: कानपुर के इस मामले ने मतदाताओं को दी प्रेरणा

भाई की मौत की खबर सुनने के बावजूद बनारसी लाल मिश्र ने पहले मतदान किया फिर भाई का अंतिम संस्कार किया। इस मामले ने मतदाताओं को प्रेरणा दी।

कानपुर में मतदान की महत्ता को साबित करने वाली एक ऐसी घटना 13 मई सोमवार को सामने आई, जिसने मतदाताओं को प्रेरणा दी। कई दशकों से संघ से जुड़े वरिष्ठ भाजपा नेता 59 वर्षीय बनारसी लाल मिश्र सुबह 6 बजे घर से मतदान के लिए साइकिल पर निकले। मतदान सुबह 7 बजे शुरू होना था। लेकिन, वह समय से पहले ही मतदान केंद्र पर पहुंच गए थे। बनारसी लाल मिश्र अकबरपुर लोकसभा संसदीय सीट के अंतर्गत वोटर (मतदाता) हैं।

रामकृष्ण नगर स्थित आरके मिशन स्कूल के गेट पर पहुंचे ही थे कि उनके चचेरे भाई श्रीनिवास पहुंचे और उन्होंने बनारसी लाल को उनके सगे बड़े भाई करुणा शंकर मिश्र के अचानक देहांत की सूचना दी। सामान्य तौर पर कोई भी व्यक्ति ऐसी खबर पाकर उल्टे पांव लौट जाता, लेकिन बनारसी लाल ने कुछ ऐसा किया कि सभी चकित रह गए। एक श्रेष्ठ नागरिक एवं जागरुक मतदाता का परिचय देते हुए बनारसी लाल अपने भाई के निधन की खबर पाकर पहले फफक पड़े।

लेकिन, मतदाता के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का अहसास करते हुए मतदान केंद्र के भीतर चले गए। उन्होंने मतदान किया। इसके बाद वह बड़े भाई के अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुए। जिसने भी इस वाकये को सुना। उसने इस घटनाक्रम को जागरुक मतदाता के रूप में एक अनूठी मिसाल कहा। वास्तव में यदि देश का हर व्यक्ति इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने मताधिकार के लिए जागरुक हो जाए तो एक सशक्त राष्ट्र की संकल्पना में कोई संदेह नहीं रह जाता।

प्रथम मतदाता का मिला था पुरस्कार
बनारसी लाल मिश्र ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2022 में उन्होंने आरके मिशन स्थित मतदान केंद्र पर पहुंच कर बूथ में सबसे पहले मतदान किया था। इस पर उन्हें निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों द्वारा ‘प्रथम मतदाता’ का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया था।

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