मालदीव की मुइज्जू सरकार ने फिर एक बार भारत विरोधी चाल चली है। मालदीव की संसदीय समिति ने एक प्रस्ताव पारित करके भारत के साथ उनकी पिछली सरकार के किए चार सैन्य समझौतों की जांच करने का निर्देश दिया है। यह तब हुआ जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए भारत आए थे।
मालदीव सरकार ने फिर उठाया भारत विरोधी कदम
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की अनुपस्थिति में मालदीव सरकार ने भारत के साथ पिछले प्रशासन के तहत किए गए चार समझौतों की जांच करने का फैसला लिया है। चीन समर्थक मुइज्जू सरकार का कहना है कि ये समझौते मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता को प्रभावित करते हैं। समिति की तीसरी बैठक के दौरान हिताधू सेंट्रल के सांसद अहमद अजान द्वारा दिए गए प्रस्ताव के बाद यह फैसला लिया गया।
समिति ने जांच को दी मंजूरी
रिपोर्ट के अनुसार, अजान ने 2018 और 2023 के बीच की घटनाओं की संसदीय जांच का प्रस्ताव रखा, जिससे कथित तौर पर मालदीव की संप्रभुता को खतरा हो सकता है। समिति ने जांच के तौर-तरीकों को रेखांकित करने के लिए चार सदस्यीय उप-समिति के गठन को मंजूरी दी।
मामीगिली के सांसद कासिम इब्राहिम ने अजान के प्रस्ताव का समर्थन किया और मालदीव और मॉरीशस के बीच सीमांकन मुद्दे की जांच की मांग करते हुए एक अतिरिक्त शिकायत प्रस्तुत की।