महाराष्ट्र में कांग्रेस की सफलता में राहुल की यात्राओं का हाथ, यात्राएं जहां पहुंचीं

महाराष्ट्र में इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस न सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी बनी, बल्कि किसी भी राज्य में कांग्रेस को सर्वाधिक सीटें दिलवाने वाला राज्य महाराष्ट्र बना है। इस सफलता में बड़ा योगदान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोनों भारत जोड़ो यात्राओं का माना जा रहा है। महाराष्ट्र में जहां-जहां राहुल गांधी की ये यात्राएं पहुंचीं, उन-उन सीटों पर कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (शपा) को जीत हासिल हुई है।

कांग्रेस महाराष्ट्र में 17 सीटों पर लड़कर 13 सीटें जीती हैं। सांगली में शिवसेना (यूबीटी) द्वारा अपना उम्मीदवार खड़ा करने के कारण वहां कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर जीते और अब कांग्रेस को अपना समर्थन दे चुके हैं। इस प्रकार राज्य में कांग्रेस की 14 सीटें हो चुकी हैं। इससे पहले 2009 के चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटें और 2004 में 13 सीटें हासिल हुई थीं।

2014 में दो और 2019 में एक सीट पर सिमट गई थी। महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ नसीम खान कहते हैं कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को मिली सीटों की संख्या किसी भी अन्य राज्य से अधिक है। पार्टी के इतनी सीटें जीतने में राहुल गांधी की यात्राओं का बड़ा योगदान रहा है। राहुल गांधी की दूसरे चरण की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का समापन मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ था। इससे पहले उन्होंने नंदुरबार से महाराष्ट्र में प्रवेश किया।

न्याय यात्रा के दौरान पहले राहुल गांधी की सभा, फिर चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सभा के अगले ही दिन प्रियंका वाड्रा की सभा ने ऐसा रंग जमाया कि नंदुरबार में भाजपा की सांसद डॉ.हिना गावित को करारी हार का सामना करना पड़ा। नंदुरबार से निकलकर राहुल गांधी धुले होते हुए नासिक पहुंचे थे। नासिक के पिंपलगांव में उन्होंने महाविकास आघाड़ी की संयुक्त सभा की थी।

इसमें राकांपा (शपा) के अध्यक्ष शरद पवार एवं शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए। पिंपलगांव प्याज उत्पादक किसानों का क्षेत्र है। यहां के किसान एवं व्यापारी पिछले कुछ महीनों से लगे निर्यात प्रतिबंध से नाराज थे। राहुल किसानों से जुड़े इन मुद्दों को उठाने में कामयाब रहे। नतीजतन भाजपानीत महायुति धुले, दिंडोरी और नासिक, तीनों सीटें हार गई।

नासिक से निकलकर राहुल गांधी का अगला पड़ाव भिवंडी में था। नसीम खान बताते हैं कि भिवंडी की एक अदालत में राहुल गांधी को मानहानि के एक मुकदमे के कारण पहले भी कई बार आना पड़ा था। यहां के लोगों में उनके प्रति सहानुभूति थी। इसका असर भिवंडी के चुनाव परिणाम पर नजर आया। भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल हार गए और राकांपा (शपा) के उम्मीदवार सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे जीत गए।

मुंबई में भी जहां-जहां से राहुल की यात्राएं निकलीं, वहां महायुति को हार का सामना करना पड़ा। उत्तर-मध्य मुंबई की जो सीट कांग्रेस के लिए मुश्किल मानी जा रही थी, उस सीट से भी मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ भाजपा के उम्मीदवार वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को हराने में सफल रहीं। मुंबई की छह में से कुल चार सीटें महाविकास आघाड़ी के खाते में गई हैं। राहुल की पहली भारत जोड़ो यात्रा का महाराष्ट्र में प्रवेश नांदेड जिले से हुआ था। उस समय तक अशोक चव्हाण कांग्रेस में ही थे। बाद में वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए।

नसीम खान कहते हैं कि अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने के बावजूद मतदाता कांग्रेस के साथ ही रहे। नांदेड़ से भाजपा सांसद व उम्मीदवार प्रतापराव चिखरीकर को अशोक चव्हाण के समर्थन के बावजूद हार का सामना करना पड़ा, जबकि पिछले चुनाव में चिखलीकर अशोक चव्हाण को हराकर ही जीते थे। पिछली यात्रा में राहुल अहमदनगर भी गए थे। उस क्षेत्र में प्रभावशाली माने जाने वाले भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल को राकांपा (शपा) के उम्मीदवार नीलेश लंके के सामने मुंह की खानी पड़ी है।

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