एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नरभक्षी बाघ को सोमवार रात को करवा-बल्लारपुर वन क्षेत्र में पकड़ कर पिंजरे में बंद कर दिया गया। बाघ ने पिछले दो महीनों में सेंट्रल चंदा संभाग में चार लोगों को जबकि चंद्रपुर संभाग में दो अन्य लोगों को मार डाला था। सेंट्रल चंदा संभाग की उप वन संरक्षक श्वेता बोड्डू के अनुसार वन क्षेत्र में ग्रामीण दहशत में जी रहे थे।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में विगत दो माह में छह लोगों की जान लेने वाले बाघ को पिंजरे में बंद कर दिया गया है। आसपास के गांवों में आतंक मचाने वाले इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए दो माह तक अभियान चलाया गया। तब कहीं जाकर उसे पकड़ा जा सका।
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की थी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नरभक्षी बाघ को सोमवार रात को करवा-बल्लारपुर वन क्षेत्र में पकड़ कर पिंजरे में बंद कर दिया गया। बाघ ने पिछले दो महीनों में सेंट्रल चंदा संभाग में चार लोगों को जबकि चंद्रपुर संभाग में दो अन्य लोगों को मार डाला था। सेंट्रल चंदा संभाग की उप वन संरक्षक (डीसीएफ) श्वेता बोड्डू के अनुसार, वन क्षेत्र में ग्रामीण दहशत में जी रहे थे। इसके चलते वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की थी।
उन्होंने बताया कि बाघ के अधिक सतर्क होने के कारण उसे पकड़ना मुश्किल हो गया था। लेकिन दृढ़ता और धैर्य के साथ वन विभाग ने सोमवार रात को करवा-बल्लारपुर वन क्षेत्र में बाघ को पिंजरे में बंद करके अभियान में सफलता प्राप्त की। तेंदू पत्ता संग्रहण सत्र शुरू होने से पहले इस बाघ को पिंजरे में बंद करना वन विभाग के कर्मियों और सेंट्रल चंदा प्रभाग के ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत की बात है।