भारत-मालदीव विवाद के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सोमवार को पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर चीन पहुंचे हैं। इस दौरान वह अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। मालूम हो कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है।
चीन की इस यात्रा पर उनके साथ उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी चीन पहुंचा है। राष्ट्रपति और प्रथम महिला के आगमन पर वरिष्ठ चीनी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
भारत विरोधी बयान के बाद मचा बवालदरअसल, भारत और मालदीव के बीच इस समय काफी विवाद छिड़ा हुआ है। दरअसल, पीएम मोदी हाल ही में लक्षद्वीप पहुंचे थे और उन्होंने लक्षद्वीप की कुछ तस्वीरें भी शेयर की। इन तस्वीरों के साथ उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें लक्षद्वीप की खूबसूरती दिखाई।इसके बाद मालदीव के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर दी, जिसको लेकर बात काफी बढ़ गई है। फिलहाल, मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों को टिप्पणी करने के कारण निलंबित कर दिया है। इसके बाद सोमवार को भारत में मालदीव के राजदूत को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और टिप्पणियों पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई।
कई समझौते पर हस्ताक्षर करेगा चीन-मालदीवचीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के मुताबिक, मुइज्जू-चीनी राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। वांग ने जनवरी में मीडिया से कहा, “चीन और मालदीव के बीच संबंध अब एक नए ऐतिहासिक शुरुआती बिंदु पर खड़े हैं। हमारा मानना है कि इस यात्रा के माध्यम से, दोनों राष्ट्राध्यक्ष द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
सामाजिक-आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर
मलदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “राष्ट्रपति मुइज्जू की यात्रा के दौरान, मालदीव और चीन आधिकारिक वार्ता करेंगे और व्यापार, व्यावसायिक विकास और सामाजिक आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।”इसमें कहा गया है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। इसमें कहा गया है कि मुइज्जू चीन के दक्षिणपूर्वी शहर फूजौ में इन्वेस्ट मालदीव फोरम में भी भाग लेंगे और मालदीव और चीन के बीच सामाजिक-आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के रास्ते तलाशने के लिए वरिष्ठ चीनी व्यापारिक नेताओं से मिलेंगे।