बिहार: मानसून की इंट्री होते ही रौद्र रूप दिखाने लगी कोसी नदी

कोसी नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटों में आई तेजी के कारण तटबंध के अंदर कई खेतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इससे सैकड़ों एकड़ में लगी मूंग, मक्का सहित अन्य फसलें बर्बाद हो गई है। घनी आबादी वाले इलाकों में भी पानी प्रवेश करने लगा है।

मानसून की इंट्री होते ही सुपौल सहित पूरे उत्तर बिहार के इलाके में कोसी नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बुधवार देर शाम से ही कोसी नदी के जलस्तर में लगातार तेजी देखी जा रही है। वही इस बीच गुरुवार की रात 8 बजे कोसी बराज से इस साल का सर्वाधिक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है। हालांकि इसके बाद एक बार फिर से डिस्चार्ज में गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार की रात 8 बजे कोसी बराज से 2 लाख 39 हजार 515 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके बाद अगले 22 से 24 घंटों में कोसी तटबंध के अंदर आबादी वाले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है। हालांकि, गुरुवार की सुबह से नदी के जलस्तर ने जिस तेजी से उछाल मारा था, उसी तेजी से देर रात गिरावट भी शुरू हो गई। जलस्तर में लगातार उतार चढ़ाव लोगों की समस्याएं बढ़ा सकती हैं, क्योंकि इसकी वजह से कटाव का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, बाढ़ के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बराज से बढ़ा हुआ डिस्चार्ज का पानी अगले 24 घंटों में आबादी वाले इलाकों में फैलने की आशंका है।

डिस्चार्ज रिकॉर्ड करने के बाद जलस्तर में लगातार गिरावट आई
सुपौल जिलाधिकारी कौशल कुमार खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं कोसी नदी के जलस्तर का उतार चढ़ाव सुपौल सहित अपने बहाव वाले मधुबनी, सहरसा, दरभंगा, खगड़िया और कटिहार जिले के इलाकों को भी प्रभावित करेगा। दरअसल, नेपाल स्थित कोसी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बुधवार और गुरुवार को हुई भारी बारिश के बाद नदी के जलस्तर में लगातार तेज वृद्धि देखी जा रही थी। जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को उन इलाकों में बारिश कुछ कम होने की संभावना है। गुरुवार की सुबह छह बजे कोसी बराज से एक लाख 49 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया था। इसके बाद से ही बराज के डिस्चार्ज में तेजी देखी जा रही थी। हालांकि, रात 8 बजे इस साल का सर्वाधिक डिस्चार्ज रिकॉर्ड करने के बाद जलस्तर में लगातार गिरावट आई। उस वक्त बराज के 56 में से 28 फाटक खोले गए थे। रात 9 बजे बराज से 2 लाख 27 हजार 750 क्यूसेक और रात 10 बजे 2 लाख 11 हजार 685 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके बाद डिस्चार्ज लगातार दो लाख क्यूसेक के नीचे रिकॉर्ड किया गया है। रात 11 बजे बराज से एक लाख 71 हजार 430 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

24 घंटे पहले छोड़े गए पानी से महज 295 क्यूसेक ज्यादा
शुक्रवार की सुबह छह बजे कोसी बराज से एक लाख 49 हजार 295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो 24 घंटे पहले छोड़े गए पानी से महज 295 क्यूसेक ज्यादा है। सुबह 6 बजे बराज के 16 फाटक खुले हुए थे। आज पूरे दिन बराज से डिस्चार्ज में और कुछ गिरावट रहने की उम्मीद है। आपको बता दें कि इससे पूर्व बुधवार की रात 12 बजे कोसी बराज से इस साल पहली बार एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था। तब बराज का डिस्चार्ज एक लाख 5 महज 385 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया। बुधवार की सुबह 6 बजे बराज से महज 78 हजार 75 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया था।

किसानों की फसलें डूबी, आम लोगों की बढ़ी परेशानी
कोसी नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटों में आई तेजी के कारण तटबंध के अंदर कई खेतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। इससे सैकड़ों एकड़ में लगी मूंग, मक्का सहित अन्य फसलें बर्बाद हो गई है। घनी आबादी वाले इलाकों में भी पानी प्रवेश करने लगा है। जिससे कोसी तटबंध के भीतर बसे गांव के लोगों को जरूरी कार्यों के लिए तटबंध से बाहर आने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था की गई है। लेकिन वह नाकाफी साबित हो रही है।

अभी खतरे के निशान से नीचे है नदी का बहाव
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सुपौल के बसुआ फाटक, खगड़िया के बलतारा और कटिहार के कुरसेला में कोसी नदी का बहाव खतरे के निशान से 2 से 3 मीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया है। वही सुपौल के वीरपुर स्थित मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण कोषांग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कोसी के दोनों तटबंध और स्पर पूरी तरह सुरक्षित हैं। कोसी के दोनों तटबंधों पर कोसी नदी के जलस्तर में आए उतार चढ़ाव को देखते हुए सतत निगरानी और चौकसी बरती जा रही है। अधिकारियों की मानें तो वर्तमान स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।

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