ताइवान में आए भूकंप के कारण दक्षिणी जापान में सुनामी की आशंका है। जापानी प्रशासन ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है। जापान का कहना है कि सुनामी की पहली लहर उसके दो दक्षिणी द्वीपों पर आई है।
ताइवान में बुधवार सुबह जोरदार भूंकप आया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 आंकी गई है। ताइवान में आए भूकंप के कारण दक्षिणी जापान में सुनामी की आशंका है। जापानी प्रशासन ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है। जापान का कहना है कि सुनामी की पहली लहर उसके दो दक्षिणी द्वीपों पर आई है।
मेट्रो सिस्टम 40 से 60 मिनट के लिए निलंबित
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र हुलिएन काउंटी हॉल से 25.0 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में प्रशांत महासागर में 15.5 किलोमीटर की गहराई था। पूर्वोत्तर के यिलान काउंटी और उत्तर के मियाओली काउंटी में 5 से अधिक तीव्रता का झटका महसूस किया गया है। सेंट्रल वेदर एजेंसी ने कहा कि उत्तरी शहर में ताइपे शहर, न्यू ताइपे शहर, ताओयुआन शहर और सिंचू काउंटी, ताइचुंग शहर, चांगहुआ काउंटी में भी 5 की तीव्रता दर्ज किया गया है। भूकंप के कारण ताइपे, ताइचुंग और काऊशुंग में मेट्रो सिस्टम को 40 से 60 मिनट के लिए निलंबित कर दिया गया है।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।