चैत्र नवमी पर करें भगवान श्रीराम के 108 नामों का मंत्र जप

इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। भगवान श्रीराम त्रेता युग के समकालीन थे। भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को शत्रुओं पर विजय पाने का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं शान्ति आती है। अतः साधक राम नवमी तिथि पर विधि-विधान से भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना करते हैं।

हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम नवमी मनाई जाती है। इस वर्ष 17 अप्रैल को राम नवमी है। इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। भगवान श्रीराम त्रेता युग के समकालीन थे। सनातन शास्त्रों में भगवान श्रीराम की महिमा का वर्णन है। भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को शत्रुओं पर विजय पाने का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शान्ति आती है। अतः साधक राम नवमी तिथि पर विधि-विधान से भगवान श्रीराम की पूजा-उपासना करते हैं। अगर आप भी भगवान श्रीराम की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो राम नवमी तिथि पर विधि-विधान से भगवान श्रीराम की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय भगवान श्रीराम के 108 नामों का मंत्र जप करें। भगवान श्रीराम के नामों के मंत्र जप से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।

भगवान श्रीराम के 108 नाम

  1. ॐ परस्मै ब्रह्मने नम:
  2. ॐ सर्वदेवात्मकाय नमः
  3. ॐ परमात्मने नम:
  4. ॐ सर्वावगुनवर्जिताया नम:
  5. ॐ विभिषनप्रतिश्थात्रे नम:
  6. ॐ जरामरनवर्जिताया नम:
  7. ॐ यज्वने नम:
  8. ॐ सर्वयज्ञाधिपाया नम:
  9. ॐ धनुर्धराया नम:
  10. ॐ पितवाससे नम:
  11. ॐ शुउराया नम:
  12. ॐ सुंदराया नम:
  13. ॐ हरये नम:
  14. ॐ सर्वतिइर्थमयाया नम:
  15. ॐ जितवाराशये नम:
  16. ॐ राम सेतुक्रूते नम:
  17. ॐ महादेवादिपुउजिताया नम:
  18. ॐ मायामानुश्हा चरित्राया नम:
  19. ॐ धिइरोत्तगुनोत्तमाया नम:
  20. ॐ अनंतगुना गम्भिइराया नम:
  21. ॐ राघवाया नम:
  22. ॐ पुउर्वभाश्हिने नम:
  23. ॐ मितभाश्हिने नम:
  24. ॐ स्मितवक्त्राया नम:
  25. ॐ पुरान पुरुशोत्तमाया नम:
  26. ॐ अयासाराया नम:
  27. ॐ पुंयोदयाया नम:
  28. ॐ महापुरुष्हाय नम:
  29. ॐ परमपुरुष्हाय नम:
  30. ॐ आदिपुरुष्हाय नम:
  31. ॐ स्म्रैता सर्वाघा नाशनाया नम:
  32. ॐ सर्वपुंयाधिका फलाया नम:
  33. ॐ सुग्रिइवेप्सिता राज्यदाया नम:
  34. ॐ सर्वदेवात्मकाया परस्मै नम:
  35. ॐ पाराया नम:
  36. ॐ पारगाया नम:
  37. ॐ परेशाया नम:
  38. ॐ परात्पराया नम:
  39. ॐ पराकाशाया नम:
  40. ॐ परस्मै धाम्ने नम:
  41. ॐ परस्मै ज्योतिश्हे नम:

42.ॐ सच्चिदानंद विग्रिहाया नम:

  1. ॐ महोदराया नम:
  2. ॐ महा योगिने नम:
  3. ॐ मुनिसंसुतसंस्तुतया नम:
  4. ॐ ब्रह्मंयाया नम:
  5. ॐ सौम्याय नम:
  6. ॐ सर्वदेवस्तुताय नम:
  7. ॐ महाभुजाय नम:
  8. ॐ महादेवाय नम:
  9. ॐ राम मायामारिइचहंत्रे नम:
  10. ॐ राम मृतवानर्जीवनया नम:
  11. ॐ सर्वदेवादि देवाय नम:
  12. ॐ सुमित्रापुत्र सेविताया नम:
  13. ॐ राम जयंतत्रनवरदया नम:
  14. ॐ चित्रकुउता समाश्रयाया नम:
  15. ॐ राम राक्षवानरा संगथिने नम:
  16. ॐ राम जगद्गुरवे नम:
  17. ॐ राम जितामित्राय नम:
  18. ॐ राम जितक्रोधाय नम:
  19. ॐ राम जितेंद्रियाया नम:
  20. ॐ वरप्रदाय नम:
  21. ॐ पित्रै भक्ताया नम:
  22. ॐ अहल्या शाप शमनाय नम:
  23. ॐ दंदकारंय पुण्यक्रिते नम:
  24. ॐ धंविने नम:
  25. ॐ त्रिलोकरक्षकाया नम:
  26. ॐ पुंयचारित्रकिइर्तनाया नमः
  27. ॐ त्रिलोकात्मने नमः
  28. ॐ त्रिविक्रमाय नमः
  29. ॐ वेदांतसाराय नमः
  30. ॐ तातकांतकाय नमः
  31. ॐ जामद्ग्ंया महादर्पदालनाय नमः
  32. ॐ दशग्रिइवा शिरोहराया नमः
  33. ॐ सप्तताला प्रभेत्त्रे नमः
  34. ॐ हरकोदांद खान्दनाय नमः
  35. ॐ विभीषना परित्रात्रे नमः
  36. ॐ विराधवाधपन दिताया नमः
  37. ॐ खरध्वा.सिने नमः
  38. ॐ कौसलेयाय नमः
  39. ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः
  40. ॐ व्रतधाराय नमः
  41. ॐ सत्यव्रताय नमः
  42. ॐ सत्यविक्रमाय नमः
  43. ॐ सत्यवाचे नमः
  44. ॐ वाग्मिने नमः
  45. ॐ वालिप्रमाथानाया नमः
  46. ॐ शरणात्राण तत्पराया नमः
  47. ॐ दांताय नमः
  48. ॐ विश्वमित्रप्रियाय नमः
  49. ॐ जनार्दनाय नमः
  50. ॐ जितामित्राय नमः
  51. ॐ जैत्राय नमः
  52. ॐ जानकिइवल्लभाय नमः
  53. ॐ रघुपुंगवाय नमः
  54. ॐ त्रिगुनात्मकाया नमः
  55. ॐ त्रिमुर्तये नमः
  56. ॐ दुउश्हना त्रिशिरो हंत्रे नमः
  57. ॐ भवरोगस्या भेश्हजाया नमः
  58. ॐ वेदात्मने नमः
  59. ॐ राजीवलोचनाय नमः
  60. ॐ राम शाश्वताया नमः

103 ॐ राम चंद्राय नमः

  1. ॐ राम भद्राया नमः
  2. ॐ राम रामाय नमः
  3. ॐ सर्वदेवस्तुत नमः
  4. ॐ महाभाग नमः
  5. ॐ मायामारीचहन्ता नमः

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