कानपुर: साइबर हमलों से बचाव करेंगे आईआईटी के 19 स्टार्टअप

दिल्ली में हुए कार्यक्रम में संस्थान की सी3आई हब ने स्टार्टअप लांच किए हैं। ये स्टार्टअप नेटवर्क सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, एप्लिकेशन सुरक्षा, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर काम करेंगे।

कानपुर में देश-दुनिया को साइबर हमलों से बचाने के उद्देश्य आईआईटी कानपुर साइबर सुरक्षा पर 19 स्टार्टअप तैयार करेगा। शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित हुए कार्यक्रम में 19 स्टार्टअप को लांच किया गया है। नेटवर्क सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, घुसपैठ का पता लगाने जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा पर काम किया जाएगा।

19 स्टार्टअप के साथ ही आईआईटी में साइबर सुरक्षा पर 50 स्टार्टअप काम कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा के लिए आईआईटी की सी3आई हब ने इन स्टार्टअप को लांच किया। एनएम-आईसीपीएस मिशन के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की ओर से वित्तपोषित सी3आईहब ने स्टार्टअप इंक्यूबेशन कार्यक्रम में 19 स्टार्टअप की लॉन्चिंग की।
एप्लिकेशन सुरक्षा, इंटीग्रेटेड एसओसी समाधान, साइबर फोरेंसिक, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी, यूएवी सुरक्षा, आईओटी सुरक्षा और साइबर बीमा, एआई सक्षम एप के माध्यम से साइबर सुरक्षा पर काम किया जाएगा। सी3आई इनक्यूबेटेड स्टार्टअप को 10 लाख रुपये की ग्रांट देता करता है।

50 स्टार्टअप्स की संख्या को प्राप्त कर लिया
साथ ही दो वर्षों तक एक संस्थापक के लिए 50,000 रुपये का मासिक वेतन देता है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि इन स्टार्टअप की लॉन्चिंग के साथ ही सी3आई हब ने साइबर सुरक्षा पर काम करने वाले 50 स्टार्टअप्स की संख्या को प्राप्त कर लिया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा किसी भी संभावित हमले से सुरक्षित रहे
डीएसटी के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि आईआईटी कानपुर का प्रयास देश की सुरक्षा में मजबूत कड़ी साबित होगा। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल एमयू नायर ने कहा कि साइबर स्पेस का सबसे अधिक दोहन किया जाता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा किसी भी संभावित हमले से सुरक्षित रहे।

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