कानपुर: एम्बुलेंस के जाम में फंसने से हुई थी नवजात की मौत

सागर हाईवे पर चल रहे मेट्रो और कानपुर-लखनऊ एलिवेटेड सड़क निर्माण कार्य के चलते लगने वाले जाम के दौरान एम्बुलेंस को निकालने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने शहर और आसपास के जिलों के सीएमओ और एसीएमओ से भी पत्राचार किया है।

कानपुर में एम्बुलेंस के जाम में फंसने के बाद शुक्रवार को नवजात की मौत के आरोपों की जांच करने बिधनू सीएचसी जा रहे अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) रमित रस्तोगी भी शनिवार सुबह सागर हाईवे पर जाम में फंस गए। करीब एक घंटे तक जाम में फंसे रहने के बाद वे गल्लामंडी से ही लौट गए। मेट्रो निर्माण के चलते शनिवार को भी नौबस्ता गल्लामंडी के पास भीषण जाम लगा रहा।

वहीं, कानपुर-लखनऊ हाईवे पर भी एलिवेटेड सड़क निर्माण के चलते जाम रहा। ट्रैफिक व स्थानीय पुलिस ने प्रयास किया लेकिन निर्माण की वजह से संकरे हो चुके रास्ते पर हालात में खास सुधार नहीं हो सका। उधर, जाम में प्रसूता के प्रसव के दौरान नवजात की मौत के मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया। यातायात पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रसूता के परिजनों, आशा बहू और एम्बुलेंस चालक के वीडियोग्राफी के साथ बयान दर्ज किए।

शुक्रवार को जाम के चलते नवजात की मौत का दावा करने वाले परिजनों ने घर पर प्रसव के दौरान नवजात के मृत अवस्था में पैदा होने की बात कही। हालांकि सागर हाईवे पर पुलिस व ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क संकरी होने की वजह से इस पूरे क्षेत्र पर ट्रैफिक का दबाव है। इसलिए सागर हाईवे पर रात्रि चेकिंग दबाव वाले प्वाइंट्स पर भी ट्रैफिक पुलिस को तैनात किया गया है। लक्ष्य रखा गया है कि जाम में अगर एंबुलेंस फंसे तो उसे तत्काल निकाला जा सके।

आशा बहू बोली, घर पर ही हुआ था प्रसव
शनिवार को एडीसीपी ट्रैफिक शिवा सिंह ने 108 कंट्रोल रूम के जरिये आशा बहू, एम्बुलेंस चालक और सचेंडी के पलरा निवासी प्रसूता सोनी के परिजनों से संपर्क कर बयान दर्ज किए। एम्बुलेंस चालक अजीत ने बताया कि सुबह करीब 5:54 बजे प्रसूता को घर से लेकर आधे घंटे में सीएचसी बिधनू पहुंचा था। इस दौरान उसे जाम का सामना नहीं करना पड़ा था।

मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचा था नवजात
वहीं, आशा बहू ने बयान में कहा कि प्रसूता की डिलीवरी घर पर ही हुई थी। पैदा होने के बाद बच्चा कोई हरकत नहीं कर रहा था। इसके चलते उसने कंट्रोल रूम में कॉल कर एम्बुलेंस को बुलाया था। वहीं, सीएचसी के डॉक्टर नीरज सचान का कहना था कि बच्चा मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचा था। डायल 102 और 108 एम्बुलेंस के जिला प्रभारी कमलेश उपाध्याय ने भी बिधनू सीएचसी पहुंचकर एम्बुलेंस चालक अजीत और स्टॉफ के अन्य लोगों के बयान दर्ज किए।

प्रसूता को एम्बुलेंस के जरिये रात में ही भेज दिया था घर
प्रसव के बाद प्रसूता को 72 घंटे बाद ही सीएचसी से छुट्टी दी जाती है। हालांकि इस मामले में नवजात की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता सोनी को शुक्रवार शाम ही 102 एम्बुलेंस से घर भेज दिया। सीएचसी प्रभारी नीरज सचान का कहना है कि प्रसूता ने खुद घर जाने की बात कही थी।

ट्रैफिक विभाग ने जारी किया नंबर
कानपुर में सागर हाईवे पर चल रहे मेट्रो और कानपुर-लखनऊ एलिवेटेड सड़क निर्माण कार्य के चलते लगने वाले जाम के दौरान एम्बुलेंस को निकालने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने शहर और आसपास के जिलों के सीएमओ और एसीएमओ से भी पत्राचार किया है।

सीमावर्ती जिलों के कंट्रोल रूम और सीएमओ को पत्र भेजा
कहा गया है कि अगर कानपुर की सीमा के भीतर कहीं भी एम्बुलेंस जाम में फंसे, तो संबंधित जिले के अधिकारी या एम्बुलेंस चालक ट्रैफिक पुलिस से सीधे संपर्क कर सकते हैं, ताकि एम्बुलेंस और रोगी को जाम से निकाला जा सके। एडीसीपी ट्रैफिक शिवा सिंह ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जाम के चलते एंबुलेंस फंसने से किसी मरीज की जान न जाए। इसके लिए आस-पास के जिलों के सीएमओे और पुलिस कंट्रोल रूम में पत्राचार किया गया है।

इन नंबरों पर करें कॉल
यातायात पुलिस कंट्रोल (रोमियो-9305104340), ट्रैफिक हेल्पलाइन (9305104387), टीआई ईस्ट (9305104302), टीआई साउथ (9305104306), डीसीपी ट्रैफिक (9454400574), एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक (9454401077), एसीपी ट्रैफिक (9454401468), एसीपी नौबस्ता (9454401458), एसीपी चकेरी (9454401463) और एसीपी घाटमपुर (9454401466)।

859 वाहनों को हुआ चालान, तीन ई-रिक्शा सीज
ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार को चारों जोन में अभियान चलाकर 859 वाहनों का चालान किया। साथ ही प्रतिबंधित मार्ग पर चल रहे तीन ई-रिक्शा को सीज भी किया। शनिवार को 155 ई-रिक्शा के चालान के अलावा 491 लोगों के बिना हेलमेट, 124 नो पार्किंग व उल्टी दिशा में चलने वाले 89 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 9 वाहनों के ब्लैक फिल्म उतारे गए हैं। इसके अलावा टीआई साउथ ने तीन स्कूल वैन का भी चालान किया है।

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