उत्तर पश्चिम मुंबई में एक करीबी मुकाबले में रवींद्र वायकर केवल 48 वोटों के अंतर से विजेता घोषित किए गए। खास बात यह है कि 15 हजार से अधिक मतदाताओं ने इसी निर्वाचन क्षेत्र में नोटा का विकल्प चुना। इसके अलावा वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) उम्मीदवार को 10 हजार से अधिक वोट मिले।
छह सीटों पर थी कांटे की टक्कर
मुंबई की छह सीटों में से तीन पर कांटे की टक्कर थी। वहां जीत का अंतर 30 हजार वोटों से कम था। कड़ी टक्कर और हर राउंड में फ्लाप होने के बाद शिवसेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के अपने प्रतिद्वंद्वी वायकर से एक वोट से आगे थे, लेकिन पोस्टल बैलेट वोटों की गिनती के बाद चुनाव आयोग ने वायकर को 48 वोटों से विजयी घोषित कर दिया।
दोनों पक्ष के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पें
नतीजों के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें हुईं। यहां वीबीए उम्मीदवार को 10,052 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में 75,263 मतदाताओं ने उम्मीदवारों पर अपनी नाराजगी दर्ज करने के लिए मुंबई के छह निर्वाचन क्षेत्रों में नोटा का विकल्प चुना।