उत्तराखंड: प्रदेश में मौसम बदलने से बिजली की मांग घटी फिर भी संकट बढ़ा है

-कोयला आधारित संयंत्रों से उत्पादन घटने पर बिजली किल्लत पैदा हुई है। मांग 5.7 करोड़ पहुंची है। जबकि उपलब्धता 4.9 करोड़ है। बाजार से पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है।

प्रदेश में मौसम बदलने से बिजली की मांग तो जरूर घट गई लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर किल्लत की वजह से यूपीसीएल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। पिछले कई दिनों से लगातार मैदानी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती हो रही है। यूपीसीएल प्रबंधन का कहना है कि बाजार में किल्लत की वजह से परेशानी पेश आ रही है।

प्रदेश में बिजली की मांग वैसे तो 6.2 करोड़ से गिरकर 5.7 करोड़ यूनिट पर आ गई है, लेकिन इसके सापेक्ष 4.9 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध है। बाकी करीब 80 लाख यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है। इसकी आपूर्ति में परेशानी सामने आ रही है। लिहाजा, बिजली उपभोक्ताओं को कटौती का दंश झेलना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से लगातार कुछ जगहों पर कुछ देर की कटौती हुई है।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि बारिश के दौरान इन दिनों कोयला आधारित संयंत्रों का उत्पादन गिर जाता है। इसके चलते राष्ट्रीय स्तर पर ही उपलब्धता कम हो गई है। जिससे बाजार से बिजली खरीदने में परेशानी सामने आ रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि जुलाई में अच्छी बारिश होने की सूरत में यूजेवीएनएल का उत्पादन बढ़ जाएगा, जिससे यह परेशानी दूर हो जाएगी।

जुलाई में उधार लौटाने की भी चुनौती
जुलाई महीने से यूपीसीएल को हरियाणा राज्य की उधार बिजली भी लौटानी है। किल्लत के इस दौर में यूपीसीएल के लिए और चुनौती बढ़ सकती है। हालांकि राज्य का उत्पादन बढ़ने और बरसात में मांग और गिरने की सूरत में यूपीसीएल प्रबंधन उधार लौटाने की उम्मीद में है।

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