उत्तराखंड: गर्मी ने बनाया रिकॉर्ड: हल्द्वानी में 14 साल बाद पारा 41 पार, बाजारों में सन्नाटा

कुमाऊं में मौसम का मिजाज जुदा-जुदा है। पर्वतीय जिलों में हल्की बारिश की फुहारों से मौसम सुहावना बना हुआ तो वहीं तराई भाबर में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है। शुक्रवार को मई का उच्चतम तापमान रिकॉर्ड हुआ। 15 मई को तापमान 40 डिग्री के बाद शुक्रवार को 41 डिग्री पहुंच गया जो वर्ष 2011 से अब तक इस माह का सर्वाधिक है। 2016 में 17 मई को सर्वाधिक तापमान 39.5 डिग्री रहा था। पंतनगर कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि शुक्रवार को तापमान ने कई साल का रिकार्ड तोड़ा है। फिलहाल मौसम में अभी कोई बदलाव नहीं है। अगले चार-पांच दिन में तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है।

दिन में गर्म हवाओं के कारण बाजारों में सन्नाटा पसर रहा है। जरूरी कामों से निकले रहे लोग सिर और मुंह ढककर चलने को मजबूर हैं। शीतलपेय की दुकानों पर भीड़ लगी है। दिन के समय सरकारी, गैर सरकारी सभी संस्थानों में बिजली की खपत भी बढ़ी है। वहीं पहाड़ों में सुबह और शाम ठंड का एहसास हो रहा है। डॉ. सिंह ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई के कारण मौसम बदल जाता है जिससे तापमान भी यहां कम होता है।

पिछले 14 साल में 17 मई का तापमान

2011- 35.8

2012- 34

2013- 36.7

2014- 32.2

2015- 33.3

2016- 39.5

2017- 36

2018- 37

2019 और 2020- 29.5

2021- 20.6

2022- 38

2023- 37.7

2024- 41

फिलहाल फसलों पर असर नहीं
फिलहाल गनीमत है कि बढ़ती गर्मी का फसलों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी विकेश यादव ने बताया कि गेहूं कट चुका है और खरीफ की फसल बोई नहीं गई है। वहीं ज्येष्ठ उद्यान निरीक्षक बीसी कांडपाल ने बताया कि गर्मी से फल-पौधों में कोई विपरीत असर नहीं है।

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