ईरान और यमन ने 80 से अधिक ड्रोन और छह बैलिस्टिक मिसाइलों से किया इजरायल पर हमला

इजरायल और ईरान और के बीच अप्रैल के महीने की शुरुआत से जंग छिड़ी हुई है। 1 अप्रैल को इजरायल ने सीरिया में ईरानी एम्बेसी के पास स्ट्राइक की थी। इस स्ट्राइक में ईरान के टॉप कॉममंडर्स सहित 13 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद ईरान ने इजरायल को निशाना बनाया है। शनिवार को ईरान द्वारा किया गया अटैक भी इसी बदले का हिस्सा है।

पेंटागन ने रविवार को कहा कि अमेरिका ने ईरान द्वारा इजराइल पर दागे गए 80 से अधिक यूएवी और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर दिया। यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने कहा कि अमेरिकी यूरोपीय कमांड विध्वंसक द्वारा समर्थित अमेरिकी बलों ने शनिवार और रविवार को ईरान (Iran) और यमन से इजरायल (Israel) को निशाना बनाने वाले 80 से अधिक ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट किया है।

सेंटकॉम ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा, “इसमें लॉन्चर वाहन पर एक बैलिस्टिक मिसाइल और यमन में ईरान समर्थित हूतियों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में लॉन्च से पहले जमीन पर नष्ट किए गए सात यूएवी शामिल हैं।”

एक अप्रैल के हमले के जवाब में किया अटैक
ईरान ने इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं जिसे तेहरान ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर एक अप्रैल को किए उसके हमले की प्रतिक्रिया बताया है। ईरान के लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को इजराइली, अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं ने लक्ष्य तक पहुंचने से पहले हवा में ही मार गिराया।

एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि शनिवार और रविवार सुबह अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने 80 ड्रोन और कम से कम छह बैलिस्टिक मिसाइलें मार गिरायीं जो ईरान तथा यमन की ओर से इजराइल की ओर छोड़ी गयी थीं।

इजराइल की रक्षा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध
इसमें कहा गया है, ‘‘ईरान का निरंतर अभूतपूर्व, दुर्भावनापूर्ण और लापरवाह बर्ताव क्षेत्रीय स्थिरता और अमेरिका एवं उसके गठबंधन बलों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ईरान के इन खतरनाक कृत्यों के खिलाफ इजराइल की रक्षा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी क्षेत्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।’’

जी-7 देशों के नेताओं ने क्या कहा?
जी-7 देशों के नेताओं ने इजराइल के खिलाफ ईरान के सीधे और अप्रत्याशित हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रविवार को कहा कि इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में अनियंत्रित तनाव बढ़ने का खतरा है। इजराइल ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन’’ बताया और ईरान पर क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

वहीं, ईरान ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए यह अभियान शुरू किया।

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