इंदौर में लोकसभा चुनाव मेें जीत की लीड नोटा से नहीं

जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट किया है कि नोटा कोई उम्मीदवार नहीं है, इसलिए जीत की लीड का अंतर निकटतम प्रतिद्वंद्वी को मिले वोटों के आधार पर ही तय होगा। उन्होंने बताया कि शाम चार बजे तक चुनाव के नतीजेे घोषित हो जाएंगे।

इंदौर के स्थानीय नेहरू स्टेडियम में मतगणना की तैयारियां पूरी हो चुकी है। इंदौर लोकसभा सीट में हार-जीत के परिणामों से ज्यादा चर्चा नोटा को मिलने वाले वोट और भाजपा उम्मीदवार की संभावित जीत की लीड को लेकर हो रही है।

कांग्रेस का अधिकृत उम्मीदवार इस बार मैदान में नहीं था। कांग्रेस ने नोटा को लेकर प्रचार किया। थीम सांग बनाए, भाषणों में कांग्रेस नेता नोटा को वोट देने का आग्रह करते रहे। इस कारण इस बार नोटा को मिले वोटों की संख्या ज्यादा हो सकती है, लेकिन इससे विजेता उम्मीदवार के वोटों की लीड पर असर नहीं पड़ेगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट किया है कि नोटा कोई उम्मीदवार नहीं है, इसलिए जीत की लीड का अंतर निकटतम प्रतिद्वंद्वी को मिले वोटों के आधार पर ही तय होगा। उन्होंने बताया कि शाम चार बजे तक चुनाव के नतीजेे घोषित हो जाएंगे।

इंदौर लोकसभा सीट में भाजपा उम्मीदवार सहित 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इंडिया गठबंधन होने के कारण दूसरे राजनीतिक दलों ने भी उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे थे। इंदौर में इस बार 62.26 प्रतिशत मतदान हुआ है। इंदौर मेें कांग्रेस का भी वोटबैंक है। 35 वर्षों से इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा नेे लगातार जीत दर्ज कराई। हर बार निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार ही रहे है,क्योकि कांग्रेस का परंपरात वोटबैंक भी इंदौर में अच्छा खासा है। अब देखना है कि इस बार चुनाव मेें कांग्रेस का परंपरागत वोटर किस तरफ शिफ्ट हुआ।

लालवानी नेे कहा-पिछले साल से दोगुनी रहेगी लीड
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी को पांच लाख वोटों से ज्यादा की लीड लेकर चुनाव जीतेे थे। इस बार भी वे ही चुनाव मैदान में हैै। लालवानी ने कहा कि इस बार पिछली बार की तुलना से ज्यादा की लीड भाजपा को मिलेगी। जीत का नया रिकार्ड इंदौरवासी बनाएंगे।

Related Articles

Back to top button