शहर काजी को उनके निवास से अनिल सलवाडि़या शाही बग्घी में बैठाकर ईदगाह मैदान तक लाए। अनिल से पहले उनके पिता रामचंद्र सलवाडि़या यह काम करते थे। सलवाडि़या परिवार 45 सालों से यह परंपरा निभा रहा है।
शहर में ईद का पर्व धूमधाम से मना। सुबह से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में रौनक रही। इंदौर में मुख्य नमाज सदरबाजार ईदगाह में हुई। शहरकाजी डाॅ.इशरत अली ने समाजजनों को नमाज अदा कराई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाज के युवा नशे से दूर रहे, जो नशे की गिरफ्त में है, उन्हें नशे से दूर रखने के लिए समाज को आगे आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि समय आ गया कि हम सभी एकजुट होकर मानव अधिकारों के लिए लड़े।
देश में भाईचारा और सद्भाव कायम रहना चाहिए।सियासी चश्मा उतारकर भाईचारे की मिसाल देश में कायम हो। शहर काजी ने कहा कि समाज में छोटे-छोटे मसलों पर घर परिवार बिखर जाते है। छोटी बातें को लेकर पुलिस और अदालतों के चक्कर काटने पड़ते है। इन मसलों को हमें समाज में ही सुलझा लेना चाहिए। इससे समय और पैसे की बर्बादी नहीं होगी। अब तो अदालतें भी समाजो के सेंटर खोलने पर जोर दे रही है। मुस्लिम समाज ने भी सात सेंटर खोले है।
नमाज पढ़ने के बाद समाजजनों ने गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाई दी। इस मौके पर राजनीतिक दलों के नेता और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद थे। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम भी मंच पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जूते पहन रखे थे। समाजजनों ने जब उनका इस तरफ ध्यान दिलाया तो उन्होने जूते उतारे।
45 साल पुरानी परंपरा निभाई
शहर काजी को उनके निवास से अनिल सलवाडि़या शाही बग्घी में बैठाकर ईदगाह मैदान तक लाए। अनिल से पहले उनके पिता रामचंद्र सलवाडि़या यह काम करते थे। सलवाडि़या परिवार 45 सालों से यह परंपरा निभा रहा है। शहरकाजी ने नमाज से पहले सलवाडि़या परिवार की इस परंपरा का जिक्र भी किया।
बाजारों में रही रौनक
ईद की पूर्व संध्या पर शहर के बाजार भी गुलजार हो उठे। मुस्लिम समाज के लोगों ने रात को नए कपड़े, जूते व अन्य सामानों की खरीददरी की। देर रात तक शहर में दुकानें खुली रही। मुस्लिम क्षेत्रों में आकर्षक रोशनी की गई और वहां भी रात तक व्यंजनों की दुकानें खुली रही।