अमेरिकी संसद में यूक्रेन-इस्राइल के लिए 95 अरब डॉलर के पैकेज को मंजूरी

अमेरिका के डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन नेताओं ने बताया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य विदेशी विरोधियों को यह चेतावनी दे दी है कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। बताया गया कि नवंबर में चुनाव होने तक यूक्रेन को सहायता पैकेज की मंजूरी दी जा सकती है।

कई महीनों के इंतजार के बाद अमेरिकी संसद के उच्च सदन-सीनेट में यूक्रेन-इस्राइल की सहायता संबंधी पैकेज को मंजूरी मिल गई। अमेरिका के उच्च सदन में मंगलवार को 79 विधायकों ने इस विधेयक के पक्ष में वोट दिया था, जबकि 18 इसके खिलाफ थे। गौौरतलब है कि पिछले हफ्ते यह विधेयक अमेरिकी संसद के निचले सदन-हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पास हुआ था। तब रिपब्लिकन नेताओं ने अचानक से अपना रुख बदल लिया और यूक्रेन, इस्राइल एवं ताइवान के लिए 95 अरब डॉलर की ज्यादातर सैन्य सहायता पर अपना समर्थन दिया। बता दें कि सीनेट ने चार विधेयकों को एक पैकेज में बदल दिया था।

यूक्रेन को मिला सबसे बड़ा पैकेज
इन पैकेजों में सबसे बड़ा हिस्सा 61 अरब डॉलर की सहायता यूक्रेन को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा 26 अरब डॉलर इस्राइल और दुनिया भर के संघर्ष क्षेत्रों में नागरिकों के लिए मानवीय सहायता एवं तीसरा हिस्सा 8.12 अरब कम्युनिस्ट चीन का मुकाबला करने के लिए रखा गया है। चौथे विधेयक को सदन में पिछले हफ्ते जोड़ा गया था। इसमें चीनी नियंत्रित सोशल मीडिया एप टिकटॉक पर प्रतिबंध, जब्त की गई रूसी संपत्तियों को यूक्रेन में स्थानांनतरित करने के उपाय और ईरान पर नए प्रतिबंध शामिल हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने वादा किया था कि जैसे ही सदन में इसे पास किया जाएगा, वह इसपर हस्ताक्षर कर इसे कानून में बदल देंगे। दो अधिकारियों ने बताया कि बाइडन प्रशासन पहले से ही यूक्रेन के लिए एक अरब की सैन्य सहायता पैकेज तैयार कर रही है।

यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा अमेरिका: अधिकारी
अमेरिका के डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन नेताओं ने बताया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य विदेशी विरोधियों को यह चेतावनी दे दी है कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। बताया गया कि नवंबर में चुनाव होने तक यूक्रेन को सहायता पैकेज की मंजूरी दी जा सकती है। बता दें कि यह राहत पैकेज अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने पेश किया था। इसके तहत यूक्रेन और इस्राइल के अलावा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी सहायता राशि भेजने का प्रस्ताव है।

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